आवाजाही बंद होने के बीच चीनी नागरिकों की दिल्ली के होटलों में नो एंट्री
भारत-चीन में बढ़ते तनाव के बीच चीन विरोधी मानसिकता देश में तेज़ी से बढ़ रही है. अब दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन और दिल्ली के बजट होटलों के एक ग्रुप ने ऐलान किया है कि किसी भी चीनी नागरिक को राष्ट्रीय राजधानी में होटल और गेस्टहाउस में रहने की इजाज़त नहीं दी जाएगी.
ध्रुवा के महासचिव ने कहा, व्यापारियों में बहुत गुस्सा है और ऐसे समय में जब कैट ने देशभर में चीनी सामानों के बहिष्कार के लिए अभियान चलाया है तो दिल्ली के तीन हज़ार से ज्यादा होटल और गेस्ट हाउस मालिक भी इस अभियान से जुड़ेंगे. अब से किसी चीनी यात्री को दिल्ली के किसी भी बजट होटल या गेस्टहाउस में नहीं रखा जाएगा.
वही कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि चीनी सामानों के बहिष्कार में देश के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हो रहे हैं. अब हम परिवहन, किसान, फेरीवाले, लघु उद्योग, उपभोक्ता उद्यमी, महिला उद्यमियों के राष्ट्रीय संगठनों से संपर्क करेंगे और उन्हें भी इस अभियान से जोड़ेंगे. आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में लगभग 2 लाख 81 हज़ार से ज्यादा चीनी टूरिस्ट भारत आए और उनमें से ज्यादातर दिल्ली में रुके. मगर कोरोना महामारी के चलते फिलहाल लोगों की आवाजाही बंद है. हालात सामान्य होने तक अगर यह पाबंदी जारी रही तो चीनी नागरिकों को मुश्किल हो सकती है. वीडियो देखिए चीनी कारोबार जगत में फिलहाल भारत के नागरिकों या उत्पादों के ख़िलाफ़ कोई माहौल नहीं दिख रहा है. आंकड़े बताते हैं कि साल 2018 में लगभग 8 लाख 64 हज़ार से ज्यादा लोग चीन गए थे. भारत ने साल 2018 में केवल टूरिज्म से ही 1 लाख 94 हज़ार 882 करोड़ की कमाई की। ये भारत की जीडीपी का 9.2 फीसदी हिस्सा था और हर साल ये आंकड़ा बढ़ता है। वहीं अगर इन आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो चीनी बहिष्कार से सिर्फ टूरिज्म पर 5 हज़ार 282 करोड़ का सीधा असर पड़ेगा.
वही कैट के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि चीनी सामानों के बहिष्कार में देश के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हो रहे हैं. अब हम परिवहन, किसान, फेरीवाले, लघु उद्योग, उपभोक्ता उद्यमी, महिला उद्यमियों के राष्ट्रीय संगठनों से संपर्क करेंगे और उन्हें भी इस अभियान से जोड़ेंगे. आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में लगभग 2 लाख 81 हज़ार से ज्यादा चीनी टूरिस्ट भारत आए और उनमें से ज्यादातर दिल्ली में रुके. मगर कोरोना महामारी के चलते फिलहाल लोगों की आवाजाही बंद है. हालात सामान्य होने तक अगर यह पाबंदी जारी रही तो चीनी नागरिकों को मुश्किल हो सकती है. वीडियो देखिए चीनी कारोबार जगत में फिलहाल भारत के नागरिकों या उत्पादों के ख़िलाफ़ कोई माहौल नहीं दिख रहा है. आंकड़े बताते हैं कि साल 2018 में लगभग 8 लाख 64 हज़ार से ज्यादा लोग चीन गए थे. भारत ने साल 2018 में केवल टूरिज्म से ही 1 लाख 94 हज़ार 882 करोड़ की कमाई की। ये भारत की जीडीपी का 9.2 फीसदी हिस्सा था और हर साल ये आंकड़ा बढ़ता है। वहीं अगर इन आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो चीनी बहिष्कार से सिर्फ टूरिज्म पर 5 हज़ार 282 करोड़ का सीधा असर पड़ेगा.
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