उत्तराखंड: मॉनसून ने ली सैकड़ों लोगों की जान, आपदा प्रबंधन विभाग ने पेश किये आंकड़े
मॉनसून सीज़न में उत्तराखंड में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ से 60 लोगों की जान चली गई है जबकि 61 लोग घायल हुए हैं। मॉनसून में आई आपदाओं में 396 जानवरों की भी मौत हुई है। ये आंकड़े हाल ही में आपदा प्रबन्धन विभाग के प्रभारी सचिव एस. मुरूगेशन ने बताए हैं।
आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों के घरों, सरकारी भवनों, सड़कों, पुलों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। साथ ही इस साल मॉनसून सीज़न में राज्य में लगभग 221 करोड़ रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया है।
चमोली, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल और पिथौरागढ़ समेत राज्य के 13 ज़िलों में इस साल भारी नुकसान हुआ है, जबकि उत्तरकाशी में जान माल का नुकसान सबसे ज्यादा हुआ है। पिछले साल 2018 में भी उत्तराखंड में भारी बारिश से 58 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी वहीं 9 लोग लापता हो गए थे। साल 2017 में मानसून सीज़न में 84 लोगों की मौत हुई थी और 27 लोग लापता हो गए थे।
चमोली, टिहरी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, नैनीताल और पिथौरागढ़ समेत राज्य के 13 ज़िलों में इस साल भारी नुकसान हुआ है, जबकि उत्तरकाशी में जान माल का नुकसान सबसे ज्यादा हुआ है। पिछले साल 2018 में भी उत्तराखंड में भारी बारिश से 58 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी वहीं 9 लोग लापता हो गए थे। साल 2017 में मानसून सीज़न में 84 लोगों की मौत हुई थी और 27 लोग लापता हो गए थे।
बाढ़ आपदा के कारण सबसे ज्यादा मौंते उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में हुई है। 2008 से 2019 तक करीब 25 हजार लोग बाढ़ और बारिश की वज़ह से मारे गए हैं। इसी साल जुलाई में लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड़ में पिछले दस साल में प्राकृतिक आपदाओं की वज़ह से 4,520 लोगों की जान गई है।Around 60 people have died till now during this #monsoon in #Uttarakhand and the state faced a loss of Rs 221 crores. In the last 10 years, 4000 people have lost their lives due to #NaturalDisasters. @arushipundir1 pic.twitter.com/NILW4NetVt
— GoNews (@GoNews24x7) September 11, 2019
Latest Videos