प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ सड़क से संसद तक प्रदर्शन, संसद में तीन घंटे में दो बार माफ़ी मांगी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को संसद में देशभक्त कहने पर मालेगांव धमाके की आरोपी और बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ सड़क से लेकर संसद तक में विरोध प्रदर्शन हुआ. सैकड़ों की तादाद में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख़्तियां लेकर संसद की ओर मार्च किया और प्रज्ञा ठाकुर के इस्तीफ़े की मांग करने लगे.
वहीं बुधवार की सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर ओम बिड़ला से मांग की कि वो प्रज्ञा ठाकुर से माफी मांगने के लिए कहें. इसके बाद प्रज्ञा ने माफी तो मांगी लेकिन काफी न नुकुर करते हुए.
प्रज्ञा के इस अंदाज़ में माफीनामे को सुनकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल भी भड़क गए और सदन में हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया कि प्रज्ञा ने गोडसे को ही देशभक्त बताया था और अब मुकर रही हैं. सदन स्थगन के दौरान सर्वदलीय बैठक में यह तय हुआ कि प्रज्ञा ठाकुर दोबारा माफी मांगेंगी. फिर 3 बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो उन्होंने साफ शब्दों में माफ़ी मांगी. प्रज्ञा ठाकुर इससे पहले भी नाथूराम गोडसे को देशभक्त बता चुकी हैं. उन्होंने आमचुनाव के दौरान मुंबई हमले में शहीद पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को देशद्रोही तक कह दिया था. प्रज्ञा 2008 के मालेगांव धमाके में आरोपी भी हैं और फिलहाल ज़मानत पर चल रही हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका रद्द करने वाली याचिका मंज़ूर करके उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस याचिका पर दो हफ्ते के भीतर सुनवाई होगी.
प्रज्ञा के इस अंदाज़ में माफीनामे को सुनकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल भी भड़क गए और सदन में हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बताया कि प्रज्ञा ने गोडसे को ही देशभक्त बताया था और अब मुकर रही हैं. सदन स्थगन के दौरान सर्वदलीय बैठक में यह तय हुआ कि प्रज्ञा ठाकुर दोबारा माफी मांगेंगी. फिर 3 बजे जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो उन्होंने साफ शब्दों में माफ़ी मांगी. प्रज्ञा ठाकुर इससे पहले भी नाथूराम गोडसे को देशभक्त बता चुकी हैं. उन्होंने आमचुनाव के दौरान मुंबई हमले में शहीद पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे को देशद्रोही तक कह दिया था. प्रज्ञा 2008 के मालेगांव धमाके में आरोपी भी हैं और फिलहाल ज़मानत पर चल रही हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका रद्द करने वाली याचिका मंज़ूर करके उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस याचिका पर दो हफ्ते के भीतर सुनवाई होगी.
Latest Videos