शबाना आज़मी की माँ और मशहूर थीयटर ऐक्टिविस्ट शौकत कैफ़ी का 91 साल की उम्र में मुंबई में निधन
थिएटर एक्टिविस्ट और IPTA की शुरुआती सदस्यों में से एक, मशहूर शायर और लेखक कैफ़ी आज़मी की पत्नी और एक्टर शबाना आज़मी की माँ, शौकत कैफ़ी का शुक्रवार शाम को निधन हो गया। उनकी उम्र 91 साल थी। वे काफी समय से बीमार चल रही थी। उन्होंने, जुहू स्थित अपने घर में आखिरी साँस ली।
शौकत आज़मी का जन्म 1928 में हैदराबाद में हुआ। उन्हें 1981 में आई फिल्म 'उमराओ जान', 1974 में आई 'ज़ुर्म और सज़ा' और 1964 में आई फिल्म 'हकीकत' में अपने बेहतरीन काम के लिए जाना जाता है।
शौकत कैफ़ी ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। शौकत कैफी अपने पति और मशहूर उर्दू लेखक कैफ़ी आजमी के साथ मिलकर इंडियन पीपल थियेटर एसोसिएशन और प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन से लंबे समय तक जुड़ी रही। ये दोनों ही कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के कल्चरल प्लेटफॉर्म्स थे. वे आखिरी बार साल 2002 में आई फिल्म 'साथिया' में नज़र आई थी। साल 2002 में कैफ़ी आज़मी के जाने के बाद, शौकत आज़मी ने उनपर एक आत्मकथा लिखी, 'कैफ़ी और मैं'।जिस पर बाद में इसी नाम पर एक नाटक भी बनाया गया। कैफ़ी आजमी की चौथी डेथ एनिवर्सिरी पर इस प्ले का प्रीमियर हुआ था। साल 2006 में मुंबई में हुए इस प्ले में जावेद अख्तर और शबाना आज़मी ने परफॉर्म किया था। रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार दोपहर को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शौकत कैफ़ी ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। शौकत कैफी अपने पति और मशहूर उर्दू लेखक कैफ़ी आजमी के साथ मिलकर इंडियन पीपल थियेटर एसोसिएशन और प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन से लंबे समय तक जुड़ी रही। ये दोनों ही कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के कल्चरल प्लेटफॉर्म्स थे. वे आखिरी बार साल 2002 में आई फिल्म 'साथिया' में नज़र आई थी। साल 2002 में कैफ़ी आज़मी के जाने के बाद, शौकत आज़मी ने उनपर एक आत्मकथा लिखी, 'कैफ़ी और मैं'।जिस पर बाद में इसी नाम पर एक नाटक भी बनाया गया। कैफ़ी आजमी की चौथी डेथ एनिवर्सिरी पर इस प्ले का प्रीमियर हुआ था। साल 2006 में मुंबई में हुए इस प्ले में जावेद अख्तर और शबाना आज़मी ने परफॉर्म किया था। रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार दोपहर को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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