लद्दाख़ सीमा विवाद पर अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे को विदेश मंत्रालय ने ग़लत क़रार दिया

by Shahnawaz Malik 3 years ago Views 1273

The US President's claim on the Ladakh border disp
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आख़िरी बार बातचीत 4 अप्रैल 2020 को हुई थी.

यह बातचीत एंटी मलेरियल ड्रग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर हुई थी. यह दावा विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई से किया है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने यह भी कहा कि वह राजनयिक चैनलों के ज़रिए चीन के सीधे संपर्क में है.


इस दावे से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लद्दाख़ में सीमा विवाद को लेकर भारत से बातचीत का दावा किया था. उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच बड़े टकराव के हालात बन रहे हैं. दोनों देशों की आबादी एक-एक अरब 40-40 करोड़ है. भारत ख़ुश नहीं है और शायद चीन भी ख़ुश नहीं है. डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा भी किया कि उन्होंने इस विवाद के मद्देनज़र पीएम मोदी से बात की है और उनका मूड ठीक नहीं है. ट्रंप ने यह दावा पत्रकारों के साथ बातचीत में ओवल में किया.

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इससे पहले बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-चीन सीमा विवाद में मध्यस्थता की पेशकश की थी. इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि सीमा विवाद पर शांतिपूर्ण हल के लिए भारत चीन के संपर्क में है. वहीं चीन ने ट्रंप के ऑफर पर कोई जवाब नहीं दिया.

भारत और चीन के बीच विवाद लद्दाख़ क्षेत्र की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की बढ़ती हलचल के बाद पैदा हुआ है. भारत ने आरोप लगाया कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने टेंट लगाए हैं और पैंगोंग त्सो झील में हलचल तेज़ की है. इसके बाद भारत ने भी वहां सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी. वहीं चीन का आरोप है कि भारत गलवान घाटी में सुरक्षा संबंधी निर्माण ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से कर रहा है.

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