Global Gender Gap Index में भारत 112वें स्थान पर
वर्ल्ड इकनोमिक फोरम की लैंगिक असमानता ( Gender Bias ) रिपोर्ट 2019 में भारत 4 स्थान लुढ़क कर 112वे स्थान पर आ गया है। भारत का पिछले साल के मुकाबले चार पायदान नीचे जाना दर्शाता है की महिलाओ की देश के विकास में भागीदारी कम हुई है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की वर्ष 2019 की लैंगिक असमानता (Gender Gap) रिपोर्ट में भारत को 112वां स्थान प्राप्त हुआ है. इसका सीधा मतलब है क़ी देश में जहा एक तरफ सरकार ज़ोर शोर से बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसे कार्यक्रम चला रही है, वही दूसरी तरफ औरतो को जीवन में आगे बढ़ने के अवसरो में कमी आई है।
पुरुष महिला के बराबरी की मामले में आइसलैंड जहा इस रिपोर्ट में पहले स्थान पर है, वही भारत 112वे , चीन 106वे , श्री लंका 102वे , नेपाल 101वे , ब्राज़ील 92वे , इंडोनेशिया 85वे और बांग्लादेश 50वे स्थान पर है। सबसे नीचे 153वें स्थान पर गृहयुद्ध में फंसे देश यमन को रखा गया है. पाकिस्तान 151वे स्थान पर है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रैंकिंग का आधार चार श्रेणियों में देशों के प्रदर्शन को बनाया गया है: महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और उन्हें मिलने वाले अवसर, शिक्षा का स्तर, स्वास्थ्य एवं जीवन प्रत्याशा तथा राजनीतिक सशक्तिकरण। महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और स्वास्थ्य एवं जीवन प्रत्याशा में भारत दुनिया के 153 मुल्को में आखिरी के 5 मुल्को में शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक लैंगिक असमानता खत्म करने में तक़रीबन 100 साल लग जायेंगे।
पुरुष महिला के बराबरी की मामले में आइसलैंड जहा इस रिपोर्ट में पहले स्थान पर है, वही भारत 112वे , चीन 106वे , श्री लंका 102वे , नेपाल 101वे , ब्राज़ील 92वे , इंडोनेशिया 85वे और बांग्लादेश 50वे स्थान पर है। सबसे नीचे 153वें स्थान पर गृहयुद्ध में फंसे देश यमन को रखा गया है. पाकिस्तान 151वे स्थान पर है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की रैंकिंग का आधार चार श्रेणियों में देशों के प्रदर्शन को बनाया गया है: महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और उन्हें मिलने वाले अवसर, शिक्षा का स्तर, स्वास्थ्य एवं जीवन प्रत्याशा तथा राजनीतिक सशक्तिकरण। महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और स्वास्थ्य एवं जीवन प्रत्याशा में भारत दुनिया के 153 मुल्को में आखिरी के 5 मुल्को में शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक लैंगिक असमानता खत्म करने में तक़रीबन 100 साल लग जायेंगे।
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