मॉनसून के दस्तक और वापसी की तारीखों मे हो सकता है बदलाव

by Arushi Pundir 4 years ago Views 2261

Environment
मौसम में बदलाव के चलते न केवल साल दर साल मानसून देश में देरी से दस्तक दे रहा है, बल्कि मानसून के पहले और बाद में बारिश भी कम होने लगी है. मानसून के पैटर्न में आ रहे इस बदलाव की बड़ी वज़ह जलवायु परिवर्तन है. आईएमडी के मुताबिक जून से सितंबर के बीच पहले जहां 80 से 100 दिन तक बारिश होती थी वहीं अब यह आंकड़ा बमुश्किल 40 से 60 दिन का रह गया है. पिछले कुछ सालों से मॉनसून के आगमन में देरी के कारण, इसकी वापसी भी 20 दिन की देरी से हो रही है.

साल दर साल मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए मॉनसून की दस्तक और वापसी की तारीखों में सरकार बदलाव कर सकती है. फिलहाल एक जून को मॉनसून के दस्तक देने और एक सितंबर से इसकी वापसी तारीख तय है. लेकिन तारीखों की समीक्षा के लिए गठित गाडगिल समिति की रिपोर्ट के बाद मॉनसून के दस्तक और वापसी की नई तारीखें होगी. मौसम विभाग के हिसाब से तारीखों में पांच से दस दिन के बदलाव की संभावना है. गाडगिल समिति दस साल का रिकॉर्ड देखेगी. अगर समिति मॉनसून के पहले तारिखों को निर्धारित करने की सिफारिश करती है, तो अगले साल से मॉनसून के दस्तक और वापसी की तारीख में बदलाव तय हो सकता है.


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हालांकि अभी भी मॉनसून का असर देश के कई राज्यों में है. लगातार बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं. उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार में मौसम विभाग ने आने वाले तीन दिन के लिए अलर्ट जारी किया गया है. वहीं  उत्तर भारत के कुछ राज्यों में 1 जून से 17 सिंतबर तक काफ़ी कम बारिश दर्ज की गई है. जिनमें हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के उत्तरी ज़िलों में भी कम बारिश दर्ज की गई है. उत्तर भारत के अलावा इसबार मॉनसून में जिन राज्यों में बेहद कम बारिश दर्ज की गई है उनमें झारखंड, पूर्वोत्तर मणीपुर, मेघालय, मीज़ोरम, नागालैंड में भी काफ़ी कम बारिश दर्ज की गई है.

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