अमेरिका पहुंचने से पहले पीएम मोदी का विरोध, नोबल पुरस्कार विजेताओं ने चिट्ठी लिखी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तमाम देशों में अवॉर्ड मिलता रहता है. हाल ही में रूस और यूएई ने उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा है लेकिन अमेरिका में दिए जाने वाले एक ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड पर विरोध शुरू हो गया है.
पीएम मोदी को ये अवॉर्ड बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने 24 सितंबर को न्यूयॉर्क में देने का ऐलान किया है लेकिन नोबल शांति पुरस्कार विजेता समेत तमाम मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया है.
मानवाधिकार मामलों से जुड़े तमाम संगठनों ने जस्टिस फॉर ऑल के नाम से सिएटल के गेट्स फाउंडेशन मुख्यालय के बहार प्रदर्शन किया है. इनमें ज़्यादातर दक्षिण एशियाई मूल के नागरिक थे जिन्होंने गेट्स फाउंडेशन को 1 लाख से अधिक लोगों के दस्तख़त वाली एक याचिका भी सौंपी है. इसमें कहा गया है कि यह अवार्ड ऐसे व्यक्ति को नहीं देना चाहिए जिसपर 2002 में मुस्लिम विरोधी दंगों के आरोप लगे हों और जिसमें 1,000 से अधिक लोग मारे गए हों. वीडियो देखिये इसके अलावा तीन नोबेल शांति पुरस्कार विजेता - शिरीन एबादी, तवक्कुल करमान और मैरेड मैगुइरे ने भी चिट्ठी लिखकर बिल गेट्स फाउंडेशन के फ़ैसले का विरोध किया है. चिट्ठी में कहा गया है कि मोदी राज में भारत ख़तरनाक और घातक अव्यवस्था की तरफ बढ़ा है जिसकी वजह से मानवाधिकार और लोकतंत्र लगातार कमज़ोर हुए हैं. यह हमें ख़ासतौर पर परेशान कर रहा है क्योंकि आपके फाउंडेशन का घोषित मिशन जीवन को संरक्षित करना और असमानता से लड़ना है.
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