बीएसपी ने राष्ट्रपति से मुलाक़ात कर क़ानून रद्द करने की मांग की
विवादित नागरिकता क़ानून पर बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करते इस क़ानून को फौरन रद्द करने की मांग की है. मुलाकात के बाद बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा बोले कि उन्होंने राष्ट्रपति को कानून की ख़ामियों के बारे में बताया है. उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि नया क़ाननू संविधान की प्रस्तावना, अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करता है और इसे रद्द किया जाए.
सतीश चंद्र मिश्रा ने राष्ट्रपति से यह भी बताया कि देश भर में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, नदवा कॉलेज और मऊ में पुलिसिया कार्रवाई हुई है, उसकी एक न्यायिक जाँच होनी चाहिए.
वहीं बीएसपी नेता दानिश अली ने कहा कि जिस दिन कैबिनेट में इस बिल पर चर्चा हुई थी, तभी बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कह दिया था कि ये बिल विभाजनकारी बिल है। दानिश अली ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का रुख पहले दिन से इस कानून को लेकर बिकुल साफ़ है कि ये कानून संविधान के खिलाफ है और इसलिए बीएसपी ने लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ वोट किया था। दानिश अली ने बताया कि बीएसपी अध्यक्ष मायावती के आदेश के बाद बीएसपी के प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वो केंद्र सरकार को इस काले कानून को तुरंत वापस का आदेश दें.
Satish Chandra Mishra, BSP MP after his party's delegation met President Ram Nath Kovind: We also requested to constitute a judicial inquiry to look into the atrocities of police against innocent students across the country. https://t.co/NpGIGFo4f1
— ANI (@ANI) December 18, 2019
वहीं बीएसपी नेता दानिश अली ने कहा कि जिस दिन कैबिनेट में इस बिल पर चर्चा हुई थी, तभी बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कह दिया था कि ये बिल विभाजनकारी बिल है। दानिश अली ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का रुख पहले दिन से इस कानून को लेकर बिकुल साफ़ है कि ये कानून संविधान के खिलाफ है और इसलिए बीएसपी ने लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल के खिलाफ वोट किया था। दानिश अली ने बताया कि बीएसपी अध्यक्ष मायावती के आदेश के बाद बीएसपी के प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वो केंद्र सरकार को इस काले कानून को तुरंत वापस का आदेश दें.
Latest Videos