नागरिकता संशोधन बिल के ख़िलाफ़ आईपीएस अफ़सर ने दिया इस्तीफ़ा
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘यह बिल भारत की धार्मिक विविधता के ख़िलाफ़ है. मैं सभी इंसाफ़पसंद नागरिकों से अपील करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीक़े से इस बिल का विरोध करें. यह बिल संविधान के मूल ढांचे के ख़िलाफ़ है.’The #CitizenshipAmendmentBill2019 is against the basic feature of the Constitution. I condemn this Bill. In civil disobedience I have decided not attend office from tomorrow. I am finally quitting the service.@ndtvindia@IndianExpress #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/Z2EtRAcJp4
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 11, 2019
This Bill is against the religious pluralism of India. I request all justice loving people to oppose the bill in a democratic manner. It runs against the very basic feature of the Constitution. @ndtvindia@IndianExpress #CitizenshipAmendmentBill2019 pic.twitter.com/1ljyxp585B
— Abdur Rahman (@AbdurRahman_IPS) December 11, 2019
आईपीएस अफ़सर अब्दुर्रहमान फिलहाल महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग में बतौर पुलिस महानिरीक्षक तैनात थे और धर्म के आधार पर नागरिकता देने वाले इस विवादित बिल के ख़िलाफ़ लगातार बोल रहे हैं. उन्होंने अपने इस्तीफ़े के साथ राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव को लिखी चिट्ठी भी ट्वीट की है. चिट्ठी में लिखा है कि इसी साल अगस्त में स्वैच्छिक रिटायरमेंट के लिए उन्होंने आवेदन किया था जिसे 25 अक्टूबर को रद्द कर दिया गया है. अब इस मामले की सुनवाई सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल में चल रही है. मगर लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी बिल पास होने के बाद उन्होंने दफ़्तर नहीं जाने का ऐलान कर दिया है. गोवा में तैनात एक मुस्लिम महिला आईपीएस अधिकारी असलम ख़ान ने भी ट्वीट कर हमारे समाज के पाखंड को उजागर किया है. उन्होंने लिखा, ‘मेरी पैदाइश एक मुस्लिम परिवार में हुई (मैंने चुना नहीं) लेकिन शादी मैंने अपनी मर्ज़ी से एक हिंदू से की. मगर लोगों को यह तथ्य पसंद नहीं आया कि मैंने अपना नाम या उपनाम शादी के बाद नहीं बदला. और हम बात करते हैं समानता की.
असलम ख़ान ने यह भी लिखा कि उनके दादा भारतीय सेना में कार्यरत थे. उनके अंकल भारत-पाकिस्तान की जंग में शहीद हुए हैं लेकिन किसको परवाह है.I am a Muslim by birth(not by choice ),married to a Hindu (by choice),but ppl dislike the fact that I haven’t changed my name or surname after marriage.And we talk of equality.#Hypocrites
— Aslam Khan (@aslam_IPS) December 11, 2019
My father,grandfather were in https://t.co/v4C1EbmaM8 uncle was a martyr in indo pak war.But who cares
— Aslam Khan (@aslam_IPS) December 11, 2019
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