CAA के ख़िलाफ़ केरल, दिल्ली और असम में मशाल जुलूस

by Shahnawaz Malik 4 years ago Views 2719

Torch processions in Kerala, Delhi and Assam again
विवादित नागरकिता क़ानून के ख़िलाफ़ देशभर में प्रदर्शनों का सैलाब उमड़ आया है. प्रदर्शनकारी दिन के साथ-साथ अब रात में भी मोमबत्ती और मशाल लेकर जुलूस निकाल रहे हैं. हालांकि केंद्र सरकार इसके बावजूद नागरिकता क़ानून पर पीछे हटने को तैयार नहीं है. 

विवादित नागिरकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध करने वाले प्रदर्शनकारी दिन और रात का फर्क़ भूल गए हैं. देश के अलग-अलग शहरों में दिन में धरना प्रदर्शन चल रहे हैं तो रात में भी मशाल और मोमबत्ती लिए हज़ारों की भीड़ जुलूस निकाल रही है. 


शुक्रवार की रात दिल्ली के जामिया नगर इलाक़े में हज़ारों की तादाद में लोगों ने मोमबत्ती लेकर तीन किलोमीटर लंबा कैंडल मार्च निकाला. इस कैंडल मार्च में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के स्टूडेंट्स, मुक़ामी लोग, औरतें और बच्चे शामिल हुए. इनके समर्थन पंजाब के सिखों का एक जत्था भी शामिल हुआ. सभी जामिया मिल्लिया इस्लामिया से होते हुए तीन किलोमीटर दूर शाहीन बाग़ तक पहुंचे जहां सैकड़ों औरतें खुले आसमान के नीचे तक़रीबन 20 दिन से धरने पर बैठी हैं. सिख प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार इस क़ानून के बहाने देश को मज़हब के आधार पर बांटना चाहती है लेकिन इस प्रदर्शन में शामिल होकर हम आपसी एकजुटता दिखाना चाहते हैं. 

असम के ताक़तवर संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन ने गुवाहाटी में मशाल मार्च निकाला है. संगठन के मुखिया समुजल भट्टाचार्य की अगुवाई में निकले इस मशाल जुलूस में सैकड़ों की तादाद में औरतें शामिल हुईं. सभी प्रदर्शनकारी आवाज़ दो हम एक हैं का नारा लगाने के साथ-साथ पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे थे. गुवाहाटी के अलावा तिनसुकिया, कालियाबोर और मारियानी में भी प्रदर्शन हुआ. असम में लगातार हो रहे प्रदर्शनों के बीच मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि वो राज्य में किसी भी विदेशी को नहीं बसने देंगे. मगर प्रदर्शनकारियों ने साफ़ किया कि वे सीएम सर्बानंद सोनोवाल के बयान में फंसने वाले नहीं हैं. नागरिकता क़ानून रद्द नहीं होने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.   

इसी तरह वायनाड में युवा संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हाथों में मोबाइल फोन ऑन करके जुलूस निकाला. सभी प्रदर्शनकारी सुल्तान बाथरे इलाक़े में इकट्ठा हुए और नागरिकता क़ानून को रद्द करने की मांग की. वायनाड कांग्रेस नेता राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है और यहां पहले भी कई बार प्रदर्शन हो चुके हैं. हालांकि केरल की पिनरई विजय सरकार विधानसभा में प्रस्ताव पासकर यह क़ानून पहले ही रद्द कर चुकी है लेकिन प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र सरकार इस क़ानून को वापस ले.  

हालांकि हर दिन सैकड़ों की संख्या में हो रहे प्रदर्शनों के बावजूद केंद्र सरकार अपने फैसले पर अड़ी हुई है. गृह मंत्री अमित शाह ने जोधपुर में इस क़ानून के समर्थन में हुई रैली में कहा है कि सरकार नागरिकता क़ानून पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी. माना जा रहा है कि आने वाले वक़्त में केंद्र सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष और तेज़ होगा.

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