विज्ञापनों की दुनिया में प्रिंट मीडिया की चमक फीकी, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और स्मार्ट फोंस नए हीरो
देश में विज्ञापनों का कारोबार साल दर साल बढ़ रहा है. साल 2019 में यह 68 हज़ार 475 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच गया। विज्ञापनों पर नज़र रखने वाली कंपनी डेन्सू के मुताबिक साल 2025 तक एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री 1 लाख 33 हज़ार 921 का आंकड़ा छू लेगी। नए आंकड़े बताते हैं कि नए दौर में कंपनियां टीवी और अख़बार से ज्यादा डिजिटल मीडिया को तवज़्ज़ोह दे रही है।
डेन्सू के मुताबिक भारत का विज्ञापन कारोबार 2018 में 9.4 फीसदी की वृद्धि दर से 68 हज़ार 475 करोड़ तक पहुंच गया है और लगभग 11 फीसदी की वृद्धि दर के साथ साल 2020 के आख़िर तक 75 हज़ार 952 करोड़ का आंकड़ा छू सकता है. डेन्सू ने दावा किया है कि 2025 तक भारत का विज्ञापन जगत 1 लाख 33 हज़ार 921 करोड़ तक पहुंच जायेगा।
कंपनियां डिजिटल यानी कि ऑनलाइन मीडिया पर जमकर खर्चा कर रही हैं। 2019 के आख़िर में डिजिटल मीडिया का बाजार 26 फीसदी की रफ़्तार से बढ़ा और 13 हज़ार 683 करोड़ तक पहुंच गया। रिपोर्ट के मानें तो डिजिटल मीडिया 27.42 फीसदी की रफ़्तार से बढ़कर 2025 के अंत तक 58,550 करोड़ तक पहुंच जायेगा। हालांकि विज्ञापन देने वाली कंपनियों की पहली पसंद आज भी टेलिविज़न इंडस्ट्री ही है, जिसे 2019 में 26 हज़ार 869 करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए गए। वहीं अख़बार और पत्रिकाओं को 2019 में 19 हज़ार 389 करोड़ के इश्तेहार अख़बारों और पत्रिकाओं को मिले। रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि 2020 में विज्ञापन बाजार में टेलीविज़न की बादशाहत बनी रहेगी लेकिन अख़बारों के लिए संकट पैदा होंगे. 2020 में अख़बारों की विज्ञापन में हिस्सेदारी 31 फ़ीसदी से घटकर 27 तक पर आ सकती है. रिपोर्ट बताती है कि FMCG कपनियों ने सबसे ज्यादा ख़र्च टेलिविज़न पर आने वाले विज्ञापन पर किया, वहीं रिटेल और गाड़ी बनाने वाली कंपनियों ने सबसे ज्यादा इश्तेहार अख़बारों और पत्रिकाओं को दिया। डिजिटल मीडिया में सबसे ज़्यादा विज्ञापन बैंकिंग और बीमा सेक्टर ने दिए, जिनका शेयर 42 फीसदी था. उसके बाद Consumer Durables यानि इलेक्ट्रिकल एप्लायंसेज़ जैसी चीज़ें बनाने वाली कंपनियों का शेयर 38 फीसदी और इ-कॉमर्स कंपनियों का शेयर 37 फीसदी रहा. दिलचस्प बात यह है कि सबसे ज्यादा विज्ञापन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स 28 फ़ीसदी, उसके बाद पेड सर्च पर 23 फ़ीसदी और ऑनलाइन वीडियो पर 22 फ़ीसदी दिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन वीडियो और सोशल मीडिया 2020 में ज़बरदस्त तरीके से पैर पसारेंगे। इनके अलावा 2020 में मोबाइल पर दिए जाये वाले विज्ञापन कंप्यूटर पर दिए जाने वाले विज्ञापन को पीछे छोड़ देंगे और उसका कारोबार 9 हज़ार 42 करोड़ तक पहुंच जायेगा। 5G टेक्नोलॉजी और सस्ते होते इंटरनेट के चलते आने वाले समय में 50 करोड़ नए यूज़र्स जुड़ने से, डिजिटल मीडिया का बाजार 50 हज़ार के पार जाने की पूरी उम्मीद है।
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कंपनियां डिजिटल यानी कि ऑनलाइन मीडिया पर जमकर खर्चा कर रही हैं। 2019 के आख़िर में डिजिटल मीडिया का बाजार 26 फीसदी की रफ़्तार से बढ़ा और 13 हज़ार 683 करोड़ तक पहुंच गया। रिपोर्ट के मानें तो डिजिटल मीडिया 27.42 फीसदी की रफ़्तार से बढ़कर 2025 के अंत तक 58,550 करोड़ तक पहुंच जायेगा। हालांकि विज्ञापन देने वाली कंपनियों की पहली पसंद आज भी टेलिविज़न इंडस्ट्री ही है, जिसे 2019 में 26 हज़ार 869 करोड़ रुपए के विज्ञापन दिए गए। वहीं अख़बार और पत्रिकाओं को 2019 में 19 हज़ार 389 करोड़ के इश्तेहार अख़बारों और पत्रिकाओं को मिले। रिपोर्ट में यह भी दावा किया है कि 2020 में विज्ञापन बाजार में टेलीविज़न की बादशाहत बनी रहेगी लेकिन अख़बारों के लिए संकट पैदा होंगे. 2020 में अख़बारों की विज्ञापन में हिस्सेदारी 31 फ़ीसदी से घटकर 27 तक पर आ सकती है. रिपोर्ट बताती है कि FMCG कपनियों ने सबसे ज्यादा ख़र्च टेलिविज़न पर आने वाले विज्ञापन पर किया, वहीं रिटेल और गाड़ी बनाने वाली कंपनियों ने सबसे ज्यादा इश्तेहार अख़बारों और पत्रिकाओं को दिया। डिजिटल मीडिया में सबसे ज़्यादा विज्ञापन बैंकिंग और बीमा सेक्टर ने दिए, जिनका शेयर 42 फीसदी था. उसके बाद Consumer Durables यानि इलेक्ट्रिकल एप्लायंसेज़ जैसी चीज़ें बनाने वाली कंपनियों का शेयर 38 फीसदी और इ-कॉमर्स कंपनियों का शेयर 37 फीसदी रहा. दिलचस्प बात यह है कि सबसे ज्यादा विज्ञापन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स 28 फ़ीसदी, उसके बाद पेड सर्च पर 23 फ़ीसदी और ऑनलाइन वीडियो पर 22 फ़ीसदी दिया गया. रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन वीडियो और सोशल मीडिया 2020 में ज़बरदस्त तरीके से पैर पसारेंगे। इनके अलावा 2020 में मोबाइल पर दिए जाये वाले विज्ञापन कंप्यूटर पर दिए जाने वाले विज्ञापन को पीछे छोड़ देंगे और उसका कारोबार 9 हज़ार 42 करोड़ तक पहुंच जायेगा। 5G टेक्नोलॉजी और सस्ते होते इंटरनेट के चलते आने वाले समय में 50 करोड़ नए यूज़र्स जुड़ने से, डिजिटल मीडिया का बाजार 50 हज़ार के पार जाने की पूरी उम्मीद है।
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